
श्री श्री 1008 गुरुदेव दण्डिस्वामी श्री देवानन्दजी सरस्वतीजी महाराज की जय हो वर्तमान में राजपुरोहित समाज के सिरमौर समाज के हर क्षेत्र को अग्रणी पायदान पर ले जाने वाले चाहे जालोर ,पाली,सिरोही या रानीवाड़ा का श्रीआत्मानन्दजी आश्रम हो और कोई भी सामाजिक क्षेत्र हो गुरुदेव ने हर क्षेत्र में आपके प्रयास द्वारा महत्वपूर्व योगदान दिया है जो युगों युगों तक आपके द्वारा किये गए पुण्यशाली कार्यो के अपर्ण व तर्पण को आने वाली पीढ़ियों द्वारा हमेशा स्मरण किया किया जाएगा जिसमे जालोर छात्रावास हो या रामदेवरा समाज भवन हो या गौशालाओ के प्रति या ब्रह्धाम कालन्द्री हो या कोई भी सामाजिक समस्या हो आपने अपनी मधुर वाणी और शान्ति प्रिय स्वभाव से हमेशा सुलझाने में अग्रणी भुमिका निभायी है आर्थिक सहयोग भी आपके द्वारा एवं आप श्री का महत्वपूर्व योगदान हर संस्था में समय समय पर अपर्ण किया जा रहा है।। 👏👏
राजपुरोहित समाज ट्रस्ट (समुद्र मुदली स्ट्रीट) चेन्नई का सौभाग्य है कि गुरुदेव श्री श्री दण्डिस्वामी इस वर्ष चातुर्मास दक्षिणी राज्यो की राजधानी, मंदिरों के शहर धर्मनगरी ,द्रविड़ियन सनातन संस्कर्ति से हरा भरा और बेंगाल की खाड़ी के समुद्र की गोद मे बसे चेन्नई नगर की धर्मांधरा पर विराजमान है यह दक्षिणी राज्यो में बसे समस्त राजपुरोहित समाज के परिवारों के लिए सौभाग्य और हर्ष का विषय है कि श्री आपको गुरुदेव के चातुर्मास लाभ प्राप्त हुआ है ।।
धन्यवाद आभार अभिन्नदन, समस्त राजपुरोहित समाज ट्रस्ट के पदधिकारियो,कार्यक्रताओं एवं सदस्यो,खेतेश्वर भवन
समुद्र मुदली स्ट्रीट
साहुकार पेट
।। चेन्नई।।
जय हो गुरुदेव
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