मुम्बई में राजपुरोहित मातृशक्ति द्वारा..
मुम्बई में राजपुरोहित मातृशक्ति द्वारा तीन दिवसीय...
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“Discover the divine presence of Lord Brahma at our temple and awaken your spiritual journey.”
पुष्कर के ब्रह्माजी मंदिर के पश्चात 1200 – 1300 वर्ष पुराने समकालीन मंदिरों में बसंतगढ़, हाथळ, खेड़ब्रह्म, ढालोप (पाली) और दक्षिण भारत में एक मंदिर है । इसके पश्चात नवीन मंदिरों में कालन्द्री ब्रह्माजी मंदिर प्रथम मंदिर है । इसी मंदिर की प्रेरणा से खेतारामजी महाराज ने आसोतरा में ब्रह्माजी मंदिर का निर्माण करवाया जिसे सिरोही को छोड़कर शेष जिलों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । कालन्द्री ब्रह्माजी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के 26 वर्ष पश्चात आसोतरा ब्रह्माजी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हुई ।
कालन्द्री ब्रह्माजी मंदिर हमारी आस्था के साथ साथ न्यायिक केंद्र भी था और इस मंदिर पर सीमित क्षेत्र का ही अधिकार था और इसको ज्यादा प्रचारित नहीं किया गया और नहीं वर्तमान की तरह सोशल मीडिया था । फिर भी आसोतरा मंदिर प्रतिष्ठा के पहले कालन्द्री से जालोर जिले का (नव परगना क्षेत्र के अलावा) ढंडार पट्टी, सुनतर, हवेली, राठौड़ पट्टी भी जुड़े हुए थे जिसका प्रमाण मंदिर प्रांगण में भवन की दीवारो पर अंकित पट्टिकाएं है ।
ॐ भूर्भुवः स्वः।
तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्॥
4:30 AM
5:00 AM
5:30 AM
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7:00 AM
6:30 PM
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