ब्रह्मधाम
पुष्कर के ब्रह्माजी मंदिर के पश्चात 1200 – 1300 वर्ष पुराने समकालीन मंदिरों में बसंतगढ़, हाथळ, खेड़ब्रह्म, ढालोप (पाली) और दक्षिण भारत में एक मंदिर है । इसके पश्चात नवीन मंदिरों में कालन्द्री ब्रह्माजी मंदिर प्रथम मंदिर है । इसी मंदिर की प्रेरणा से खेतारामजी महाराज ने आसोतरा में ब्रह्माजी मंदिर का निर्माण करवाया जिसे सिरोही को छोड़कर शेष जिलों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । कालन्द्री ब्रह्माजी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के 26 वर्ष पश्चात आसोतरा ब्रह्माजी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हुई ।
कालन्द्री ब्रह्माजी मंदिर हमारी आस्था के साथ साथ न्यायिक केंद्र भी था और इस मंदिर पर सीमित क्षेत्र का ही अधिकार था और इसको ज्यादा प्रचारित नहीं किया गया और नहीं वर्तमान की तरह सोशल मीडिया था । फिर भी आसोतरा मंदिर प्रतिष्ठा के पहले कालन्द्री से जालोर जिले का (नव परगना क्षेत्र के अलावा) ढंडार पट्टी, सुनतर, हवेली, राठौड़ पट्टी भी जुड़े हुए थे जिसका प्रमाण मंदिर प्रांगण में भवन की दीवारो पर अंकित पट्टिकाएं है ।
सामाजिक कार्य
- निमार्णकार्य
- गौ दान
- मेला लाभार्थी
गजास्यं गणनाथंच गौरीपुत्रं विनायकम |
सर्व विघ्न विनाशाय , श्री गणेशं नमाम्यहम ||
शरद पूर्णिमा मेला महोत्सव
दिनांक 28/10/2023 , शनिवार
अषाढ गुरु पुर्णिमा मेला महोत्सव 2024
दिनांक 21/07/2024, रविवार
मेला के लाभार्थी
श्रीमान मोटाजी मोडाजी सेपाऊ पुत्र - राजेश कुमार, कान्तिलाल, नरपत कुमार, ईश्वर कुमार
परम पूज्य संतो का आशीर्वाद
श्री श्री 1008 श्री ब्रह्मलीन
शिवानंदजी महाराज
श्री श्री 1008 श्री ब्रह्मलीन
मोहनानंदजी महाराज
श्री नवपरगना राजपुरोहित समाज
ब्रह्मधाम ट्रस्ट, कालंद्री
अध्यक्ष
श्री कन्हैयालाल कपूरजी सेपाउ
तंवरी
महामंत्री
श्री शंकरलाल जेसाजी सनावेशा
रायपुरिया
कोषाध्यक्ष
श्री गुलाबराज जीवाजी राजगुरु
सेलवाड़ा
ॐ भूर्भुवः स्वः।
तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्॥
Learn To Be Sustainably Happy!
happiness everyday!
भगवान ब्रह्माजी
दैनिक कार्य
अभिषेक
4:30 AM
श्रृंगार
5:00 AM
मंगल आरती
5:30 AM
भोग
6:00 AM
आरती
7:00 AM
संध्या आरती
6:30 PM