प्रताप पुरोहित बने जगदीशानंदगिरि महाराज
( द्वारा मोहन देशप्रेमी)
जावाल। निकटवर्ती श्री विकेश्वर महादेव मंदिर सन्यास आश्रम ओड़ा में संत महात्माओं के सानिध्य में दो गृहस्थी जनों ने गृहस्थी जीवन त्याग कर सन्यासी जीवन को ग्रहण किया। शुक्रवार को संत महात्माओं ने प्रताप पुरोहित हालीवाडा एवं अन्नपूर्णा माई को सन्यासी विधि विधान के साथ सन्यासी जीवन की सात वस्तुओं के साथ सन्यासी दीक्षा ग्रहण करवाई। प्रताप पुरोहित के परिवार के भाई, बहन, कुटुंब व सगे सम्बंधियो की मौजूदगी में प्रताप पुरोहित व अन्नपूर्णा माई ने महंत श्री श्री 1008 श्री करणगिरी महाराज से गुरु मंत्र लेकर शिष्य पद ग्रहण करने की सहमति प्रदान की। इस पर श्री आबू संत मंडल के संत महात्माओं व सैकड़ो भक्तजनों की उपस्थिति में जगदीशानंदगिरि एवं साध्वी यशोदागिरी का नामकरण किया गया। एक बारगी तो परिवार के सदस्यों में जगदीशानंद गिरि महाराज के संत रूप में दर्शन होने पर परिवार के सदस्यों में भावुकता देखने को मिली। संत-साध्वी के रूप में इन दोनो सन्यासियों को उपस्थित सैकड़ो भक्तों ने फुलहार व चादर ओढ़ा कर सम्मान किया। जगदीशानंद गिरि महाराज व साध्वी यशोदा गिरी महाराज ने उपस्थित संत- महात्माओं से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस शुभ अवसर पर हालीवाडा,जावाल, उड़, गोल,सवणा, भीनमाल, जैतपुरा, आदर्श डूंगरी, फुंगणी, पाड़ीव, बरलुट, सियाणा, भेटाला, चांदणा, मण्डवारीया, समेत दर्जनों गांव से सैकड़ो भक्तजनों इस सनातन धर्म के कार्यक्रम में शरीक हुए इन संत महात्माओं का सानिध्य रहा कैलाशगिरी महाराज मालीपुरा, प्रेमभारती महाराज सगलीया, ललितगिरी महाराज सुंधा पर्वत, श्रवणपुरी महाराज कैलाश नगर, कमलाभारती महाराज वडगांव, जोगपुरी महाराज कोजरा, मन्नानंद ब्रह्मचारी महाराज हालीवाड़ा, त्रिवेणीगिरी महाराज जावाल, रामगिरि महाराज जावाल, नरपतगिरी महाराज मंडवाड़ा, गणपतगिरी महाराज मनोरा, रतनगिरी महाराज वेलांगरी, मधुगिरी महाराज वडगांव, संतोषगिरी महाराज पाड़ीव, निर्मलागिरी महाराज गोल, दिवाकरगिरी महाराज पाड़ीव, तीर्थगिरी महाराज मण्डवारीया का सानिध्य रहा।